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राठ महाविद्यालय पैठाणी : एक ऐतिहासिक परिचय

जनपद पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड राज्य, विकासखण्ड थैलीसैंण के पैठाणी कस्बे में जिला मुख्यालय पौड़ी से लगभग 50 (पचास) कि0मी0 पूर्व पश्चिमी नयार नदी के तट पर स्थित राठ महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 2003 में की गयी। जनपद का यह भू-भाग विकास से कोसों दूर अशिक्षा और पिछड़ेपन से पीड़ित रहा है। आजादी के बाद भी यह क्षेत्र शिक्षा के अभाव में अनेक तरह की विषमताओं से घिरा रहा।
यद्यपि शुरुआती दौर में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रारम्भिक प्रगति ने जरूर कुछ विसंगतियों को परास्त किया, परन्तु उच्च शिक्षा प्राप्त करना यहाँ के युवाओं का स्वप्न मात्र बना ही रहा। इस अभाव और वेदना को महसूस करते हुए इसी क्षेत्र के ग्राम बहेड़ी के युवा श्री गणेश गोदियाल ने, जो सुदूर मुम्बई में एक स्थापित व्यवसायी के रूप में क्रियाशील थे, क्षेत्र के तमाम संभ्रान्तजनों, जागरुक नागरिकों व जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क व सहयोग स्थापित कर ग्राम सभा पैठाणी के दानवीरों द्वारा दान की गई भूमि पर इस महाविद्यालय को आकार देना सुनिश्चित किया।
जुलाई 2003 में महज 30 छात्र-छात्राओं, प्राचार्य, सात प्राध्यापकों व 18 शिक्षणेत्तर कर्मियों के साथ महाविद्यालय का ‘‘मिशन उच्च शिक्षा‘‘ प्रारम्भ हुआ, जो आगे चलकर नये कीर्तिमान गढ़ता चला गया। सन् 2006 में 100 (एक सौ) सीटों के साथ शिक्षा संकाय व 2012 में 50 (पचास) सीटों के साथ शारीरिक शिक्षा संकाय अस्तित्व में आया। 2012 में शिक्षा संकाय की सीटों में 50 सीटों की बढ़ोतरी की गई। 26 मार्च 2015 को श्री गणेश गोदियाल (तत्कालीन विधानसभा सदस्य, उत्तराखण्ड) के निजी प्रयासों से इस महाविद्यालय को राज्य सरकार की अनुदानित श्रेणी में लाया गया है, जिससे विभिन्न संकायों के फैकल्टी सदस्यों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
वर्तमान में महाविद्यालय के शिक्षा संकाय (बी0एड्0) में 50 (पचास) सीटें स्ववित्त-पोषित एवं 100 (सौ) सीटें अनुदानित के रूप में (कुल 150 सीटें) स्वीकृत हैं। तीनों संकायों में अध्ययनरत कुल छात्र संख्या लगभग 850 (आठ सौ पचास) है।

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